Shree Hanuman Chalisa lyrics in Hindi श्री हनुमान चालीसा दोहा : श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि। ..... श्री हनुमान चालीसा चौपाई : जय हनुमान ज्ञान गुन सागर। श्री हनुमान चालीसा अवधी में लिखी एक काव्यात्मक कृति है
श्री हनुमान चालीसा | Hanuman Chalisa lyrics in Hindi
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श्री हनुमान चालीसा | Hanuman Chalisa lyrics in Hindi |
पूजन विधि
श्री हनुमान चालीसा करने से पहले यह पूजन विधि करे, साधक शुध्द वस्त्र पहन कर पूर्व अथवा उत्तर की ओर मुख कर बैठें, श्री हनुमानजी की साधना में सहायक श्री हनुमानजी की मूर्ति, चित्र अथवा तांबे या भोज पत्र पर अंकित यंत्र सामने रखे, पूजन सामग्री में लाल पुष्प, अक्षत, सिंदूर का प्रयोग होता है प्रसाद में बूंदी, भुजे चने व् चरोन्जी दाना तथा नारियल चठ्ता है,साधक हाथ में अक्षत व् पुष्प लेकर निम्नलिखित मंत्र से श्री हनुमानजी का धयान करे,
श्री हनुमान चालीसा दोहा
shree Hanuman Chalisa Doha
श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि।
बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि॥
बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार।
बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार॥
श्री हनुमान चालीसा चौपाई
Shri Hanuman Chalisa Chaupai
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर।
जय कपीस तिहुं लोक उजागर॥
रामदूत अतुलित बल धामा।
अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा॥
लंकेस्वर भए सब जग जाना॥
लील्यो ताहि मधुर फल जानू॥
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं।
जलधि लांघि गये अचरज नाहीं॥
दुर्गम काज जगत के जेते।
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते॥
राम दुआरे तुम रखवारे।
होत न आज्ञा बिनु पैसारे॥
सब सुख लहै तुम्हारी सरना।
तुम रक्षक काहू को डर ना॥
आपन तेज सम्हारो आपै।
तीनों लोक हांक तें कांपै॥
भूत पिसाच निकट नहिं आवै।
महाबीर जब नाम सुनावै॥
नासै रोग हरै सब पीरा।
जपत निरंतर हनुमत बीरा॥
संकट तें हनुमान छुड़ावै।
मन क्रम बचन ध्यान जो लावै॥
सब पर राम तपस्वी राजा।
तिन के काज सकल तुम साजा॥
और मनोरथ जो कोई लावै।
सोइ अमित जीवन फल पावै॥
चारों जुग परताप तुम्हारा।
है परसिद्ध जगत उजियारा॥
साधु-संत के तुम रखवारे।
असुर निकंदन राम दुलारे॥
अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता।
अस बर दीन जानकी माता॥
राम रसायन तुम्हरे पासा।
सदा रहो रघुपति के दासा॥
तुम्हरे भजन राम को पावै।
जनम-जनम के दुख बिसरावै॥
अन्तकाल रघुबर पुर जाई।
जहां जन्म हरि-भक्त कहाई॥
और देवता चित्त न धरई।
हनुमत सेइ सर्ब सुख करई॥
संकट कटै मिटै सब पीरा।
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा॥
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